रायपुर। देशभर में आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है, लेकिन इसी रुझान और विश्वास का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। राजधानी रायपुर में खुले आम आयुर्वेद के नाम पर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कई क्लिनिक, सेंटर संचालित हो रहे हैं जिनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही पंजीयन, बावजूद इसके ये लोगों को दवाएं दे रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें छत्तीसगढ़ आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद ने नोटिस भी दिया है। जिसके जवाब भी इन्होंने दिया। पत्रिका टीम ने परिषद से जानकारी लेकर शहर में संचालित फर्जी क्लिनिक व सेंटर से बात की तो पता चला कि उनके पास न तो कोई डिग्री है न ही कोई पंजीयन। इसके बावजूद वे अपना सेंटर संचालित कर रहे हैं। इसपर रजिस्ट्रार ने साफ कहा कि यदि नोटिस मिलने के बाद भी नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सत कार्रवाई की जाएगी।
अनुभव के आधार पर नहीं दे सकते दवा: जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि कोई भी व्यक्ति बिना डिग्री और मान्यता के आयुर्वेद की दवा नहीं दे सकता और न ही आयुर्वेद चिकित्सा की प्रैक्टिस कर सकता है। अपने अनुभव के आधार पर यदि कोई आयुर्वेद की दवा मुत में देता है तब भी वो गलत है। रोड पर स्टॉल लगाकर या पीढ़ी से चली आ रही कला के नाम पर आयुर्वेद की दवा नहीं दे सकते हैं। संबंधित के पास मान्यता पात्र संस्थान से आयुर्वेद की उपाधि होनी चाहिए। साथ ही छत्तीसगढ़ आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद से पंजीकृत होना अनिवार्य है।
कार्रवाई के संकेत
रजिस्ट्रार डॉ संजय शुक्ला ने बताया कि यदि कार्यालय में स्पष्टीकरण देने के बावजूद भी कोई व्यक्ति आयुर्वेद पद्धति से इलाज कर रहा है तो उसके खिलाफ सत कार्रवाई की जाएगी। उनपर कार्रवाई के लिए सीएचएमओ और पुलिस को पत्र लिखा जाएगा।
परिषद ने अधिकारियों को लिखा पत्र
जानकारी के अनुसार, परिषद की ओर से राज्य के सभी जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे क्लिनिक, सेंटर और खुले में आयुर्वेद की दवा देेने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। परिषद की ओर से जब भी ऐसे कोई सूचना मिलती है तो उनको कारण बताओ नोटिस दिया जाता है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
महादेव घाट रोड अमलेश्वर स्थित सेंटर
केंद्र में कोई भी ऐसे चिकित्सक नहीं है जिसके पास आयुर्वेद की उपाधि हो, लेकिन यहां पर आयुुर्वेद के सभी तरह के इलाज किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, कुछ साल पहले परिषद ने जब इन्हें नोटिस दिया तब उसके जवाब भी उन्होंने कहा था कि हम आयुर्वेद उपाधि वाले डॉक्टर रखेंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया।
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