छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।विकास कार्यों की दिशा में यह प्रोजेक्ट

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

विकास कार्यों की दिशा में यह प्रोजेक्ट वर्षों से अटका हुआ था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है।

इस पर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है क्योंकि दोनों ही पार्टियां अलग-अलग दावे कर रही हैं।

भाजपा ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि स्काईवॉक की योजना ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु बनाई गई थी।

उन्होंने कहा कि बहुत हद तक निर्माण पूरा हो चुका था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर काम रोक दिया।

अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट को अब भाजपा सरकार ने दोबारा चालू करने का निर्णय लिया है।

टेंडर स्वीकृति से शुरू होगा काम

सरकार ने 37.75 करोड़ रुपए के टेंडर को मंजूरी दे दी है और अब तेजी से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

भाजपा का तर्क है कि वह अधूरे काम को पूर्ण कर रही है, जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर अधूरा छोड़ दिया था।

डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस की बनाई जांच समिति ने भी स्काईवॉक को जरूरी बताया था।

🗣️कांग्रेस ने लगाया पैसा बर्बादी का आरोप

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार जनता की मांग के अनुसार फ्लाईओवर बनाए।

उन्होंने कहा कि अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट शहर के ट्रैफिक की समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।

उनका आरोप है कि पहले टेंडर 37 करोड़ का था, लेकिन बाद में उसे बढ़ाकर 67 करोड़ कर दिया गया था।

🏙️ योजना की पारदर्शिता पर सवाल

कांग्रेस का कहना है कि बार-बार टेंडर निकालकर और राशि बढ़ाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने मांग की कि सरकार इस प्रोजेक्ट की जगह शहर की अन्य वास्तविक ज़रूरतों को प्राथमिकता दे।

अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर पहले भी जांच की गई थी, लेकिन अब फिर से पैसा खर्च किया जा रहा है।

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