छत्तीसगढ़ पर्यटन क्षेत्र में 2025 में कई बड़े बदलाव और योजनाएँ देखने को मिल रही हैं। राज्य सरकार और विभिन्न संस्थानों के सहयोग से पर्यटन को सतत विकास, सांस्कृतिक विरासत और रोजगार के साथ जोड़ा जा रहा है।
🌿 बस्तर में इको-टूरिज्म की नई पहचान
चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और कोटुमसर गुफाओं जैसे स्थलों को इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य और जनजातीय संस्कृति का अनुभव ले पा रहे हैं।
🏠 होमस्टे नीति 2025–30 का शुभारंभ
राज्य सरकार की नई Homestay Policy 2025–30 के तहत बस्तर, सरगुजा जैसे क्षेत्रों में ग्रामीण परिवारों को पर्यटकों के ठहराव के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को मजबूती मिलेगी।
🌊 MAA अभियान: नदी संरक्षण और पर्यटन का संगम
महानदी के उद्गम स्थलों को पुनर्जीवित करने हेतु Mahanadi Awakening Abhiyan चलाया जा रहा है। इस अभियान से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नदी किनारे पर्यटन की संभावनाएँ भी बढ़ी हैं।
🎬 रायपुर में फिल्म सिटी की योजना
राज्य सरकार रायपुर में एक अत्याधुनिक फिल्म सिटी की स्थापना कर रही है। इससे फिल्म निर्माण और मीडिया गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह स्थान पर्यटन आकर्षण का केंद्र बनेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
🎓 IIT भिलाई और राज्य सरकार का सहयोग
IIT भिलाई और राज्य सरकार के बीच हुए समझौतों के तहत सांस्कृतिक धरोहरों पर शोध और स्थायी पर्यटन मॉडल विकसित किए जा रहे हैं। इससे पर्यटन को शैक्षणिक और नवाचार आधारित दृष्टिकोण मिलेगा।
📈 आर्थिक संभावनाएँ और विस्तार
पर्यटन उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि 2025 में भारत में पर्यटन का कुल योगदान ₹22 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है। छत्तीसगढ़ को भी इससे बड़ी हिस्सेदारी और विकास के अवसर मिलेंगे।
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