उत्तर प्रदेश में जीएसटी टैक्स चोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे विभाग को हिला कर रख दिया है। जांच में पता चला कि सिर्फ दो मोबाइल नंबरों से 144 फर्जी फर्मों का पंजीकरण कराकर करीब 400 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है।

राज्य कर विभाग की टीम ने हाल ही में 22 नई फर्जी फर्मों का खुलासा किया है, जो मुजफ्फरनगर के सौरभ मिश्रा और लखनऊ के अंकित कुमार से जुड़ी हुई हैं। सौरभ मिश्रा ने अपनी ईमेल आईडी से 149 करोड़ रुपये का फर्जी टर्नओवर दिखाकर 61 करोड़ रुपये का टैक्स हड़प लिया था।

राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच कर रही टीम ने बताया कि अब तक कुल 144 फर्जी फर्मों की पहचान की जा चुकी है, जिनका टर्नओवर करीब 1960 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

इस बड़े घोटाले के तार दिल्ली, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं। आरोपियों ने सीजीएसटी के सरल नियमों का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेजों और ई-वे बिल के माध्यम से यह पूरा रैकेट चलाया।

मामले में एसआईटी और साइबर पुलिस को जांच में शामिल किया गया है। अधिकारियों ने आरोपियों के आईपी एड्रेस, ईमेल अकाउंट और डिजिटल साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए हैं। अब जांच एजेंसियां इन तकनीकी सबूतों के आधार पर टैक्स चोरी की पूरी श्रृंखला को खंगाल रही हैं।

राज्य कर विभाग की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि सौरभ मिश्रा और अंकित कुमार दोनों के पते और दस्तावेज फर्जी हैं। पुलिस इन दोनों के नेटवर्क और पैरोकारों की जांच कर रही है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा जीएसटी घोटाला माना जा रहा है, और आशंका है कि जांच बढ़ने पर टैक्स चोरी की रकम और भी बढ़ सकती है।