15 सालों के बाद सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी में पिछले ढाई वर्षों से मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं गर्म रही है। अभी हाल ही में एक विधायक की ओर से दिए गए बयान के बाद मामले ने ज्यादा ही तूल पकड़ लिया। इस मामले में ढाई साल के बाद कथित तौर पर मुख्यमंत्री बनने वाले वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से जब समाचार चैनल सवाल किया तो उन्होंने वही पुराना बयान दिया।

सिंहदेव ने कहा कि आलाकमान जो बोलेगा उसका पालन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस को ये सोचना चाहिए कि उनके इस उथल-पुथल से दूसरे कांग्रेस शाषित राज्यों की चल रही स्थिति के जैसे छत्तीसगढ़ में भी चर्चा को बल मिलेगा। यहां की तीन चौथाई बहुमत वाली सरकार पर विपक्षियों को बोलने का मौका मिलेगा, और ऐसा हो भी रहा है। कांग्रेस के अंदर मची इस उठा पटक का फायदा उठाने से विपक्ष भी पीछे नहीं है।

अब इसमें सवाल ये उठता है कि जब एक चौथाई बहुमत के साथ प्रदेश में भूपेश सरकार चल रही है, इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री से जब सवाल पूछे जाते हैं मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर तो वह सीधे तौर पर ना कहकर आलाकमान पर बात क्यों छोड़ देते हैं? वह साफ तौर पर दावेदारी पर क्यों कुछ नहीं कहते?